मदहोश 1999 / ROMANTIC SHAYARI MADHOSH 1999 / प्रेमी प्रेमिकाऔ एवं दिलवालों की रोमांटिक शायरी PART 2/2

surendra sagar
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मदहोश 1999 / ROMANTIC SHAYARI MADHOSH 1999 / प्रेमी प्रेमिकाऔ एवं दिलवालों की रोमांटिक शायरी PART 2/2

हिंदी शायरी मदहोश/ सुरेंद्र सागर 

आंखों में आंसू है मेरे ,दिल में तेरा प्यार सही  ! 
मिलने का इंतजार है मगर देने को बाहर नहीं  !! 

अपने बीते हुए कहानियों को याद करके,
 दुनिया की जंग लड़ लूंगा !
जब तक मंजिल में ना पहुंच जाऊं , 
तब तक सांसे नहीं तोडूंगा !!

जिसके दिल में , मेरे लिए यादावत है!
 मैं उसके दिल में , रहता हूं ! 
जिसने मुझे दोस्त कहे, मैं उसी को दोस्त कहता हूं !!
 
जहां भी हूं तेरे दिल में ही रहूंगा , तुम भी मेरे दिल में रहना! 
मैं यहां की बातें कहूं ,और तू भी वहां की बातें कहना!!

मेरी जिंदगी भी क्या है, जिसमें हंसी नहीं सिर्फ गम है! 
आंखों में गम के आंसू है जितने ! उतना ही दुनिया से सितम है !!

घर छोड़कर मैं यहां तेरी ,यादों में खोया हूं! 
थोड़ी देर गम भूल जाऊं सोचकर , कांटों के बिस्तर में सोया हूं  !!
2 दिन की जिंदगी है मगर , सांसे दो पल का मेहमान है !!
कौन है जो यह नहीं जानता , फिर भी हम सब अनजान हैं !
 
दो जहां के अजनबी थे मगर , 
आज उनका मिलन हुआ है जरूर  ! 
 यही दुनिया की रीत है , 
यही है दुनिया का दस्तूर  !! 

कल तक हम अजनबी थे मगर , आज प्यार की कसम खाता हूं !!
मांग में सिंदूर भर कर तुझे , अपने साथ ले जाता हूं !!

प्यार किया उस लड़की से, जिसकी बरसों से इंतजार भी की !
कैसी बेवफा निकली वो , जिन्होंने बदनामी की उपहार है दी !!

दुनिया को मुझसे नफरत है जितना , 
उनसे ज्यादा मुझे दुनिया से प्यार है !
मिटा दूंगा मैं नफरत को एक दिन, 
रब्बा मेरे तुझ पर ही एतवार है!!

देखा ना है कभी , तुम जैसा सितंबर! 
यह जानते हुए भी , तुझे कैसे बनाऊं अपना हमसफर!!

आंखों में आंखें डाल कर जो , प्यार का इजहार कीया! 
किसी और की दीवानी बनकर ,
वही है मेरा इंतजार से इनकार किया !!

एक बार अपनी नजर से , देख ले ऐ मेरे सनम !
मैं दुनिया को भुला दूंगा , मुझे तेरी प्यार की कसम !!

जितनी हसी आप है !उससे कहीं ज्यादा मुझे गम है! 
कहा मिलेगा मुझे आप जैसा हंसी ,यह दुनिया बड़ी बेरहम है !!

कई थी मुझे चाहने वाले , फिर भी मैं उसी से प्यार की! 
वह मुझको भूल गई मगर उनकी यादों में मैं जिंदगी गुजार दी !!

सोचता हूं , मन में जो वो नसीब में कहां !
लाखों में एक ही होंगे से ऐसे नसीब वाले जहां!!


किसे सुनाऊं कौन सुनेगा , मेरी कहानी है अजीब सा !
मेरा क्या हुआ क्या नहीं हुआ ,और होगा क्या नसीब का!!

मेरी जिंदगी भी क्या है , जिसकी तारीफ अनुपम है!
 दो पल की हंसी नहीं पर उम्र भर सिर्फ गम है !!

क्या है क्या नहीं है,आपकी करूं कितनी बडाई  ! 
देखने वाले देखते ही रह जाएंगे !
ईश्वर ने फुर्सत से है सजाई!!
 
किसी के प्यार बिना ,मेरी जिंदगी अधूरी है  ! 
चाह कर भी प्यार कर नहीं पाता, यह मेरी कैसी मजबूरी है !! 

कितने दिनों से देखा हूं तुझे ,तू कितनी भोली भाली है! 
 देखकर आंखें भर गई मगर , मेरे दिल की जेब खाली है!! 

 मैं एक बदनसीब हूं , मेरा कोई प्यार नहीं ! 
दर्द की जंग में अकेला हूं मैं , मेरा कोई हमदर्द यार नहीं  !! 

 मेरे लिए कहां हंसी खुशी , जीवन भर सिर्फ गम है ! 
ना मेरा प्यार है कोई, ना ही मेरा कोई सनम है!! 

 दो जहां के अजनबी यों का, आज मिलन की दिन आई है !
दुनिया की यही रीत है दोस्कितो किसी की मिलन है किसी की जुदाई है  !! 

वफा की देवी हो तुम, मैंने क्या है तुझ पर ही  ऐतबार ! 
बिन तेरे जिंदगी यहा, जीना है बेकार!! 

 सर पर झलकती बिंदिया उनकी , 
कानों में झलकती हैं कानूनी बाली ! 
भाभी के पीछे बैठी है जो ,वही है मेरे भैया की साली!! 

 हंसी है खूबसूरत है, और मस्त जवानी है ,
आखिर है तो मेरे ही भैया की साली! 
 कत्ल कर गई दो नैनों से वो, उनकी हंसी है बड़ी निराली!! 


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