शायरी मदहाेश १९९९ /surendra sagar amg /shayari madhosh 1999/surendra sagar,part-1/5
मन है अपनाै का , गैर क्या करेगा ।
मुशिवते है लडकियाे की ,लडके कयाे मरेगा ।।
भगवान गल्तीयाे काे माफ करते है ,
लेते है न किसिकी जान ,
जाे गलतीयाेकाे माफ कर दे ।
उनहे कहते है नेक इन्सान ।।
शायरी लिखु गित लिखु किसीकाे सुनाने के लिए ।
हमदरदी दिखाउ दुिनयाकाे , प्यार पाने के लिए ।।
कहां चली ओ मेरी छम्मक छल्लो, मजा लूंगा तुझसे रातों में !
सारी रात जागे गुजारु, मीठी तेरी बातों में!!
कुछ कहना तो चाहता न मै, मगर कहने पर हूं मैं मजबूर!
शादी का वादा है 5 साल बाद, फिर आज कैसे भरु मांग में सिंदूर!!
दिल से मैं तेरा दिल चुराऊ, होठों से चुराऊ होठों की लाली !!
पडने दु न नजरें इन चेहरों किसी का,
बना लूंगा तुझे अपनी घरवालीक्ष!!
रास्ते का कांटा खुद नहीं हटता ,
उसे मुसाफिरों को हटाना पड़ता है !
हसीनों की खूबसूरती देखो आंख से तो,
दिल को तड़पना पड़ता है!
मुख मेलो पान सुपारी , होठों पर लु जर्दा!
प्यार करो उस लड़की से , जो मीनाक्षी हो या जाया पर्दा!!
फौलादी जिगर है तेरी हिंदुस्तान की नारी है!
करती है भलाई भारत की , सारा हिंदुस्तान तुझको प्यारी ह!!
गलती हुई मुझसे तूने कहा बिल्कुल सही !
पर मैं कदम उठा तो आगे रखता हूं पीछे नहीं!!
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प्यार है उस लड़की से, जो देवी की एक मूरत है !
खयालों में भी न भूल पाऊं उसे ,वो लाखों में एक सूरत है !!
इस बोतल में शराब नहीं, हसीनों का गम है !
खयालों में भी न भूल पाऊं उसे , कहां आप और कहां हम हैं !!
मां बच्चे को बुखार रखे तो , बच्चे बहुत रोता है !
ऐसी गलती मां बच्चों से ही नहीं, हर इंसानों से होता है !!
घमंड ना करो अपनी ताकत पर , तंदुरुस्ती हजार नियामत है !
यह किसी का घर नहीं यारो, इंसानों का कयामत है!!
अपना अपना फर्ज निभाना ,दुनियाँ का दस्तूर है ये!
धरती और आकाश साक्षी है मेरा , धूल नहीं सिंदूर है ये !!
मुसीबतें कभी अकेली नहीं आती , साथ कुछ ना कुछ लाती है
!जो इस दुनिया को जाना है , वही स्वर्ग को पाती है !!
छोटे का आदर करो, बड़ों का बात कभी ना तोड़ो !
आज का काम आज ही करो, कल पर मत छोड़ो !!
पूस गई माघ गई , आई फागण की होली !
देख हसीना आशिक ने , छोडी पिचकारी से गोली!!
बरस बरस में आती है फागुन की ये होली !
शराब के नशे में हर इंसान , बोले आवारा सी बोली!!
बरसों से आई इस होली में, रंगों से हो गई है वोट तेरे ला
दोस्त कहूं या कहूं मैं यार, हर एक दोस्ती का ही नाम है!
नई साल का है यह तोहफा , यारों को मेरा सलाम है !!
दुनिया में जिसका कोई नहीं , उसका रखवाला भगवान है !
अच्छाइयों -बुराइयों को समझ ले जो , उसी का नाम इंसान है !!
बाप है लेखक है, बेटा कलाकार !
जाने से पहले आपको , है मेरा नमस्कार !!
गम नहीं तेरे इनकार से ,मुझे आंसू बचा कर जीना है !
आजीवन तुझसे दूर रहूं मै, तू एक बेवफा हसीना है !!
जिंदगी है 2 दिन की, इसे बिताओ हंसते-हंसते!
राह देखता हूं अपनी मंजिल की,
तब तक का लिए, है मेरा नमस्ते !!