शायरी मदहाेश १९९९ /surendra sagar amg /shayari madhosh 1999/surendra sagar,part-2/4

surendra sagar
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जिंदगी है मेरी , ईमान है पर शान नहीं! 

सर पर हाथ रखकर सोचता हूं तो, जिंदगी का कोई बयान नहीं !!

बहुत खुद नसीब है वो जिसे प्रेमी का सच्चा प्यार मिला !

बेचैन था उसका दिल , जिसके दिलों को करार मिला!!


जिंदगी है वर्तमान की, प्यार हकीकत नही एक ख्वाब है !

होठों से लगाओ अमृत को तो, वो  बन जाती शराब है !!


आईना सच है ,और हकीकत आकृति का आधार है !

दिल का आकार है ,मगर प्यार का कोई न आकार है !


धन दौलत इच्छा अकांक्षा प्यार तथा कामयाबी ,

सब मंजिल का आधार है!

प्यार बना जिंदगी यहां , जीना ही बेकार है !

कुर्सी पर लेट कर बैठा हूं मैं, टेबल के ऊपर मेरा पांव है!!

सर पर रखा हाथ है मेरा ,पर यहां धूप नहीं छांव भी है !!


धूप में आए हैं आप लोग , पानी से पांव को ठंडक दीजिए !

कुर्सी लगी है स्वागत के लिए , प्यास लगी हो तो सर शरबत पीजिए !!

मां तो मां है ,पर रिश्तो में भाभी का रिश्ता है बड़ा गहरा ! 

! एक बार आशीष मिल जाए , फिर होगा ना कभी जीवन मेअन्धेरा !!

झुकी निगाह है चंचल बदन है , और दिल में थोड़ी तन्हाई है !

दिल में है अरमा आखऔ में सपने ,और इंतजार की बेकरारी है !!

तारीफ की जिंदगी है मेरी ,उमंगे एक ख्वाब है! 

 तन्हाई तो है हीफिर गम तो लाजवाब है !! 

 सागरजिंदगी जीने को मुझ में क्षमता नहीं , 

जीता हूं दिल की अदाओं में! 

 थक चुका हूं ऐसी जिंदगी से जो, 

 गुजरता है गम की राहों में  !! 


अपनी जिंदगी से मुझे दौलत नहीं ,इज्जत और नाम चाहिए! 

इस जिंदगी का लक्ष्य तक पहुंच कर , दुनिया का सलाम चाहिए !!

 

सुगंध हैं इन फूलों में , जिन फूलों का नाम चमेली है !

पर सुगंध लेनसकु इन फूलों की, जिंदगी की अनेक पहेली है! 


कहते हैं लोग, एक बार शराब होठों से लगा कर देखो 

 फिर पूछना कहां हमारा गम है! 

जितनी भी गहरी चोट लग जाए दिलपे, 

शराब ही दिल का मल हम है  !! 


मुझे नहीं चाहिए फूलों की जिंदगी, मुझे कांटो की ही जिंदगी दे ,

पर वह कांटा नहीं , जो फूलों की रक्षा ना कर सके! 


थक गया हूं यादों में आपकी, सोने की ईजाजत दे,

युही जिंदगी के राहों में चलते चलते, मुलाकात तो होगी ही कभी !


 सोया रहता हूं तेरी यादों में, पता नहीं तुमसे कितना प्यार है, 

तेरी तस्वीर छपी है निगाहों में ,मिलने को दिल बेकरार है!!


प्यार कि ईस दुनिया में मुझे ,गरीबी ने तन्हा किया !

भटकता रहा इन तन्हाइयों में मैं, पर कोई भी ना पनहा दिया !!


सागर कितना गहरा है , उतना ही गहरा मेरा प्यार था, 

खोए रहते थे एक दूजे के यादों में, बहुत ही प्यारा मेरा यार था! 

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जिंदगी सिर्फ खुशियों में नहीं, कभीगम में भी गुजरती है! 

मोहब्बत करने वाले सिर्फ , ऊपर वाले से डरते हैं!!क्या


  क्या जिंदगानी है ,क्या जीन्दगानी है! 

होठों पर हंसी तो नहीं ,मगर आंखों में पानी है !!


चाहता हूं भूल जाऊं उन ख्वाबों को, जो कल तक मेरा अपना था!

 दिल को समझा दूंगा जो कि ,हकीकत नहीं एक सपना था !!


बेकरार है दिल मेरा ,तुझको देखा हूं जब से !

करार दे इस दिल को मेरा मैं फरियाद करता हूं रब से !!


मेरे होठों में मुस्कान जो है ,मेरे सनम यह तेरी बदौलत है !

मेरी जिंदगी को सजा दे तूं,सनम तुझको उम्र भर का  मोहलत है !!


मांग तेरी सजा के मैं, यू जिंदगी को चाहत से सजा दूंगा! 

प्यार क्या होता है सनम, अब दुनिया को यह बता दूंगा!! 



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