शायरी मदहोश 1999 /ROMANTIC SHAYARI MADHOSH 1999 /surendra sagar amg /प्रेमी प्रेमिकाओं एवं दिलवालों की रोमांटिक शायरी part 1/दिल बालाै की शायरी/हिन्दी शायरी /

surendra sagar
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 शायरी मदहाेश १९९९ /surendra sagar amg /shayari madhosh 1999/surendra sagar,part-1/4

16 वर्ष की जवानी में , लड़कियों में आती है नई रंग  !    

लड़के का नजर पड जाए कभी , 

छोड़े ना कभी लड़कियों का संग  !! 


आजकल मुझे , नींद आती है बहुत कम !

हर वक्त देखूं ख्वाब तेरी , तुम हो मेरी प्यारी सनम  !! 


मैं हू तेरा शायर , तुम बन जाओ मेरी शायरी !

हाथों में लू कलम को जब, भर देना मेरी पुरी डायरी  !! 


देखता हूं तुझे तो ,  आती है मुझे बहुत शर्म!

शर्म यदी बढ गई तो , प्यार होगा बहुत कम  !! 


आईना कहते हैं उसी को , जिसमें सूरत देखी जाती हैं !

महबूबा कहते हैं उसी को , जिसकी हर पल याद आती है  !! 


  -------------------पैज  7---------_---------------

 सागर किनारे बैठ कर, पानी में पत्थर फेंका करू !

याद आए महबूबा की , तो उनकी तस्वीर देखा करू!! 


बस के आगे कुछ आ जाए तो , बपी बजाते हैं! 

दीवानों का आगे हसीना आई तो , सीटी बजाते हैं!! 


गोरे गोरे बदन को तुम , करो ना इसी अपमान !

ऐसी जवानी दिखा दे तुम, तुझ पर मरेगा सारा हिंदुस्तान!! 


बुराइयों को अच्छाइयों में , एक रोज बदल जाना !

है खून का बदला खून लूंगा ; यही मेरा फसाना 


वह मेरे सामने थी , मैं भी उनके सामने था, 

मैं उन पर नजरें उठाई तो , उनकी आंखों में पानी थी!              

नजरों से नजरें मिली  ऐसी , जैसे एक मदहोश जवानी थी!! 


तू है मेरी समा ,मैं तेरा हूं परवाना! 

तू मेरी चाहत है मैं हूं तेरा निशाना  !! 


वह इंसान थे कैसे जो ! दे गई अपनी प्यार भरी कुर्बानी! 

याद आती उस इंसानों की , आ जाती है आंखों में पानी!! 


रोशनी दी चांदने ,उजाला छाया  धरती और आकाश पर!

 दान दिया भिखारी को , तरस आई उनकी हमदर्दी पर!! 


मां बच्चे का पास नहीं तो , उसे गुड़िया नजर  आती है !

कोई महबूबा की आस नहीं तो , जहर की पुड़िया याद आती है!! 


ना है मेरा घर का ठिकाना ना, ना है मेरा कोई जहां!          

जीना मरना है इस जन्मभमि पर ,                                

इसके लिए दे सकता हूं अपनी जान  !! 

छोटे वृक्ष में निबु फले,लम्बे बृक्ष मे फले नारियल! 

सड्डे नाल नच के जावा , सुन भाई पंजाबी गर्ल !! 


पक्षियों को आराम मिले डाल पर ,

आदमियों को कहीं ना चैन है  ! 

खूबसूरती दिखा गई लड़कियों ने ,

देखो  यह  लड़का  बेचैन  है  !! 


दान दया भिखारी को , पागल अमीर बन गया  ! 

रंग डाले अंग पर , घायल  तस्वीर बन गया  !!


ड्राइवर को मजा आता है, मशीनों की चाल पर  ! 

लड़कों को मजा आता है , हसीनों की गाल पर  !!


जितना प्यार पत्नी नहीं करती , 

उससे ज्यादा प्यार करती है साली !

साेलह की उम्र हाे गइ ,फिरभी 

लगती है भाेली भाली ।।



भामरा फूलों का रस चूसते हैं ,

फूलों को तोड़ते नहीं !

जीजा साली से इश्क करता है ,

सालीको छोड़ते नहीं  !!!


बत्ती  बुझ जाए तो अंधेरा कहते हैं! 

फुटपाथ में जियो  तो गवारा कहते हैं !!


नंगे का देश में धोबी का क्या काम! 

ब्रह्मचारी  का आगे खूबसूरती का क्या दाम !! 


जो हुआ साे हाे गया , माफ करो तो सही ।

गलती हो गई एक बार दोबारा नहीं  ।।


मोहब्बत की है दुनिया

 दो रस्मो की एक कहानी है ।

दिल में है वफा की ममता यारों ,

आंखों में बेवफा का पानी है ।।



                     (9 )

ल !
तारीफ करो रंग देने वालों की , 
जो कितने मजे से पकड़े होंगे तेरी गाल!! 

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