शायरी मदहोश 1999 /ROMANTIC SHAYARI MADHOSH 1999 /surendra sagar amg /प्रेमी प्रेमिकाओं एवं दिलवालों की रोमांटिक शायरी part 2/16 surendra sagar

surendra sagar
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तुम्हारी  एक अदा पर मैं, अपना जान कुर्बान कर दूंगा !
पर असली जान तो हो तुम मेरी , कैसे इन्हें अपमान करूगा  !!

तुम्हारी इन्हीं अदा पर , मेरा रोम रोम कहने लगा क्या 
मेरे पास बैठी रहे तुम, हमेशा तुझे निहार ता रहूंगा!!

मिटेगी ना  प्यास मेरा,किसी समंदर के पानी से! 
प्यासा हूं मैं  सिर्फ तुम्हारी,  खूबसूरत भरी जवानी से!!

तुम चाहे मुझे जितने ही बेवफा कहलो , मगर मैं  तो हूँ  नहीं बेवफा!
ना मैं तुमसे नाराज था कभी , ना मैं अब हूँ तुमसे खफा !! 

क्या  तारीफ करूं आपकी, ना तो आप छोटी है ना ही आप मोटी है ! 
बिखरी बिखरी बालों के नीचे ,खूबसूरत सी आप की चोटी है !!
तुम्हारी नशीली मुखड़े को देख, 
यकीन नहीं होता कि यह हकीकत है या खराब है !
काश छू कर देख पाता तुझे , 
तो बता सकता कि आप चिज ही लाजवाब है !!

पद्मनी जैसी आंखें तेरी , रंभा जैसे गाल है !
उर्मिला जैसी नखरे तेरी , उर्वशी जैसी चाल है !!

आ गया हूं मैं यहां, मिस जूली तेरी पनाहों में! 
वो दिन दूर नहीं है, जब  होगी  तुम मेरी बाहों में!!

बेवफा तो हो मगर ,कितनी बेवफा वो मैं आज जाना हूँ! 
तुम्हारी खूबसूरती का राज क्या है, वो मैं आज पहचाना हूँ!!

अपनी जवानी की परिचय तूने , मुझको आज दिया है! 
पर तुम्हारी लाल  गुलाबी गालों को,
ना जाने कितनों ने राज किया है!! 
 
तुझ पर कोई नजर उठाए, मैं उसे बर्बाद कर दूंगा! 
एक बार जलवा दिखा दे तू , मैं खुद को आवाद कर दूंगा !!

छोड़ दे सारे सरमो हया, तनिक मुखड़े से घुंघटा हटा के देख !
कितना प्यार है मुझे तुमसे , जरा नैनो से नैन लड़ा के देख!!

रह रहा हूं राहों में उनकी , जिनके लिए प्यासा है मेरा दिल !
कत्ल कर गई सपनों में वो मुझे , 
ना जाने होगी कहां वो कातिल!!

आंखों में मेरी तस्वीर है उनकी , यादें हैं मेरे दिल में !
अदा दिखाती है सपनों में वो और हंसी लुटाती है महफिल में !!

पथरीली इन राहों से चलते चलते , मेरी पांव फिसल गया  
तमन्नाएं थी आसमां छूने की, मगर अरमां बिखर गया!!

इस जमाने में किसी से दिल लगाना , होती है बड़ी मुश्किल !
महबूबा के लिए ना सही, पर यारों के लिए है ये मेरा दिल❤!! 

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