दिलवालों का दीदार हूं मैं ,यारों का हूं मैं यार!
कोई कहते हैं सुरेंद्र सागर मुझे ,कोई कहते हैं सुरेंद्र कुमार !!
आपकी गीतों को सुन सुन कर ,मेरी मिट गई सारी तन्हाई !आपकी नित्य को देखकर मेरे , होठों पर हंसी छाई !!
यहां होता है वही , जो मंजूरे खुदा होता है !
यार तो यार है ,एक दिन जिस्म से जान भी जुदा होता है !!
जिंदगी में कोई किसी से ,कभी मत करना प्यार!
दिल में आग लगा देंगे एक दिन ,वो बेवफा यार !!
हर बेवफा की आदत है ,लगाना चाहते के दिल में आग!
हम जैसे वफा कभी, लगाते हैं ना किसी की दामन में दाग !!
जिनके मन में होते हैं ,ग से गंदे इरादे !
प्यार में अक्सर वो,करते रहते हैं झूठे वादे !!
हे पृथ्वीलोक के वासियों ,
मन में रखे ना कोई बैर गुरुर !
सारे शिकवे गिले छोड़ कर,
मेरी शादी में आपको आना है जरूर !!
15 अगस्त को मेरी शादी है ,आप कहीं समय ना जाए भूल !!
रह न जाए कोई कमी यहां पर, हम सब का यही चाहत है !
सारे शिकवे गिले छोड़ दे सभी , आप सबका हमारा स्वागत है !!
ऐसी मिले जो दिल को भा जाए ,
रह ना जाए उनमें कोई पहेली !
इतनी खूबसूरत भी ना हो जो ,
छूने से हो जाए वो मैंली !!
जिस्म से खूबसूरत है पर , दिल से है वो मैली !
कौन समझेंगे ऐसी बातों को , यह तो है एक पहेली !!
दौलत - खूबसूरती सब कुछ भूल गया ,
सिर्फ पाने के लिए एक सच्चा प्यार !
इजहार करने से क्या होता उसका !
वो तो हो गई मेरे लिए बेकार !!
चाहने से कभी ना होता है,
किसी को किसी से प्यार!
प्यार होता है तो सिर्फ किस्मत से होता है,
वरना हर बातें हैं बेकार !!
समझ सका ना कोई इसे, यह दुनिया है बड़ी बेरहम !
जिंदगी है 2 दिन की ,कभी खुशी कभी गम!!
टोटल पैसे क्या लूंगा, पहले करले सोच विचार !
नामी होकर बदनाम ना होइए ,हम से लेकर कोई उधार !!
धंधा रुपए का हो या हजार ,शर्म नहीं आती आपको
जो आप बार बार,लेते हो हमसे उधार !!
सोता हु जब बिस्तर पर ,तब आती है तुम्हार ख्याल!
करवट बदलते बदलते मेरा ,होता है बुरा हाल !!
तुम्हारे बगैर जीना मुश्किल हो गया है,
आंखें खुली है मगर, सुकून खो गया है !!
आंखें मुंता हूं तो तुम्हारा चेहरा पास लगता है !
बाहें फैला ता हू सिमट ने के लिए ,
मगर तुझे ना पाकर दिल उदास लगता है !!
सच कहूं तो मुझे , सजा लगती है मेरी तन्हाई !
काश कोई समझ पाता ,यह मेरी बेकरारी !!
कहां कहां से आए हैं आप ,
कैसी रही हमारी मुलाकात!
संकोच न करें हमें कुछ बताने में ,
अगर आपके दिल में है कोई अच्छी बात!!
क्यों बेताब होते हो साथियों, अभी तो बाकी है सारी रात!
कुछ फरमा हो तो सु सुनाऊ, हम तो हमेशा रहेंगे आपका साथ !!
बिना आदेश किसी का बाग उजाडना ,
यह तो एक सघन अपराध है !
कौन बचाएगा महात्मा की क्रोध से ,
जिसकी जबान पर हमेशा श्राप है !!
जिसने भी किए है यह हरकत, उस से तो हम मिलेंगे जरूर !
ऐसा शराब दूंगा उसे ,खाक में मिल जाएगा वह मगरूर !!
बे वजह इस दानी को ,कह गए वह मगरूर!
मदद करना उसका फर्ज था ,
बल्कि था ना यह हरिश्चंद्र का गुरूर !!
मगरूर था वह मुनि महात्मा ,
जो कर गए भारी सडयंत्र !
सत्य को निभाने बेच गए पत्नी को वो ,
जो है सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र !!
अरे दूल्हा का तो बात ही मत पूछो ,
पर दुल्हन तो है बड़ी भोली भाली!
रोना-धोना तो पता नहीं ,दुल्हन की हंसी है बड़ी निराली!!
जिस तरह एक हाथ से कभी,बजती नहीं है ताली !
वो ससुराल ससुराल नही ,जहाँ रहती नही हो साली!!