muskan diwas / jitiya parwa

surendra sagar
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मुस्कुराहट के बिना हर आदमी का, खुशियां है बेकार !! मुस्कुराहट के राज जाने वाले यारों को, है मेरा नमस्कार !!

हर आदमी का अलग-अलग, होता है उसका पहचान ! खुशियों में दो होठों को अलग करना ही ,कहते हैं उसे मुस्कान !!
दोस्तों आज मुस्कान दिवस एवं मधेशी और भारतीय महिलाओं का जितिया व्रत के पावन अवसर पर हर रिश्ते के महिलाओं को हार्दिक हार्दिक शुभकामनाएं !

सुहागन अपने लिए तो कुछ नहीं ,
सुहाग और संतान के लिए करती है यह निर्जला व्रत ! शादी के बाद ही हर महिला ,
नहर में करती है जितिया का व्रत !!
जीतीया ( जिवीत पुत्रीका) व्रत का सभी पाठकों को शुभकामनाएं !

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